Saturday, July 16, 2016

BWI: मीडिया पार्टनर्स एशिया: एशिया पैसिफिक पे-टीवी उद्योग की धीमी है विकास की रफ्‍तार

 
Source : Media Partners Asia
Saturday, July 16, 2016 1:13PM IST (7:43AM GMT)
 
मीडिया पार्टनर्स एशिया: एशिया पैसिफिक पे-टीवी उद्योग की धीमी है विकास की रफ्‍तार
 
Hong Kong and Singapore

अग्रणी उद्योग विश्‍लेषक मीडिया पार्टनर्स एशिया (एमपीए) (Media Partners Asia) द्वारा एशिया पैसिफिक पे-टीवी एवं ब्रॉडबैंड मार्केट्स (Asia Pacific Pay-TV& Broadband Markets) शीर्षक से प्रकाशित नई रिपोर्ट में कहा गया है कि एशिया-पैसिफिक पे-टीवी उद्योग वर्ष 2016 से 2021 तक औसतन 5.8% सालाना की दर से विकास करेगा।  
 
एमपीए का अनुमान है कि एशिया पैसिफिक के सभी 18 प्रमुख बाज़ारों में पे-टीवी उद्योग की बिक्री 2016 के 54 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष 2021 तक 72 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, और इसकेबाद 2025 में यह 81 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। हालांकि अ‍र्थव्‍यवस्‍था में नरमी और कानूनी एवं गैर-कानूनी विकल्‍पों, दोनों से बढ़ती प्रतिस्‍पर्धा की वजह से पे-टीवी के सबस्‍क्राइबर और राजस्‍व की वृदि्ध की दर धीमी रहेगी। खासतौर पर हॉन्‍ग कॉन्‍ग, इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर में पे-टीवी सबस्‍क्राइबर की वृदि्ध में गिरावट आएगी या इसकी विकास की दर धीमी पड़ेगी।
 
हालांकि इस दौरान इलाके के दो सबसे बड़े और तेजी से बढ़ने वाले बाज़ारों भारत और कोरिया में पे-टीवी के विकास के अवसर भी बढ़ेंगे। ऑस्‍ट्रेलिया और फिलीपींस में सबस्‍क्राइबर की संख्‍या बढ़ाने से राजस्‍व वृदि्ध में भी तेजी आएगी।
 
एमपीए विश्‍लेषकों ने पूरे दक्षिण पूर्व एशिया, खासकर इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर में सबस्‍क्राइबर की वृदि्ध में कमी आने का अनुमान लगाया है, लेकिन मलेशिया और सिंगापुर, दोनों ही बाज़ारों में एआरपीयू (प्रति यूज़र औसत राजस्‍व) में बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
 
इस बीच, पे-टीवी उद्योग में चीन सबसे बड़ा बाज़ार बना रहेगा और वहां तेजी से डिजिटलीकरण होगा। नियमन बढ़ने के साथ ही साथ मुफ्‍त एवं भुगतान वाली ऑनलाइन वीडियो सेवाओं की वजह से प्रसारकों के लिए पे-टीवी में वृदि्ध के अवसर सीमित होंगे।
 
इस साल की शुरूआत में नेटफ्लिक्‍स के वैश्विक स्‍तर पर लॉन्‍च होने के बावजूद इलाके में कहीं भी सदस्‍यता आधारित वीडियो-ऑन-डिमांड (एसवीओडी) सेवाओं का पे-टीवी पर अब तक कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। हालांकि कम कीमत वाले क्षेत्रीय और स्‍थानीय एसवीओडी सेवाओं के बीच प्रतिस्‍पर्धा जरूर बढ़ी है।
 
अधिकांश पे-टीवी सबस्‍क्राइबर्स पे-टीवी सेवाओं को या तो घटा दियाहैया उसे रद्द कर रहे हैं और अवैध सेवाओं तथा टीवी एवं ऑनलाइन वीडियो दोनों के लिए मुफ्‍त, विज्ञापन-सपोर्ट वाले विकल्‍पों का रुख कर रहे हैं।
 
हालांकि इसी दौरान काफी संख्‍या में पे-टीवी ऑपरेटर्स केनेक्‍टेड सेट-टॉप बॉक्‍सेस, जिसमें ओटीटी वीडियो सेवाओं को भी शामिल किया जा सकता है, के साथ आ रहे हैं। इसके अतिरिक्‍त, कुछ ऑपरेटर्स (खासतौर पर दूरसंचार ऑपरेटर्स) भी उच्‍च रफ्‍तार वाले ब्रॉडबैंड के साथ पे-टीवी चैनल्‍स और वीडियो सामग्री को एकसाथ बं‍डलिंग कर पुरजोर तरीके से पेश कर रहे हैं। इससे खासकर, कुछ दक्षिण पूर्व एशियाई बाज़ारों में उपभोक्‍ताओं की संख्‍या बढ़ाने में मदद मिल रही है।
 
इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रि‍या व्‍यक्‍त करते हुए एमपीए के कार्यकारी निदेशक श्री विवेक कोटो (Vivek Couto) ने कहा, “पे-टीवी सेवा प्रदाता तेजी से लीनियर और ऑन-डिमांड दोनों सेवाओं की रीपैकेजिंग और रीप्राइसिंग पर ध्‍यान दे रहे हैं। स्‍थानीय और क्षेत्रिय एशियन कार्यक्रम भी खासे महत्‍वपूर्ण बन रहे हैं। खेल, बच्‍चों के लिए, इन्‍फोटेनमेंट और हॉलीवुड मूवीज़ पे-टीवी के बंडल में प्रमुखता से बने हुए हैं, हालांकि हॉलीवुड टीवी सीरीज़ की पेशकश करने वाले चैनल्‍स को वैध और अवैध ओटीटी से नुकसान हो रहा है। कुछ पे-टीवी ऑपरेटर्स अब तक बड़े पैमाने पर ऑनलाइन वीडियो दर्शकों को हासिल करने या उसका फायदा उठाने में सक्षम हुए हैं और हॉन्‍ग कॉन्‍ग तथा कोरिया में इसके शुरूआती नतीजे खासे उत्‍साहजनक रहे हैं। कुछ मिलाकर लक्ष्‍य अगले चक्र के उपभोक्‍ताओं की वृदि्ध और उपभोक्‍ताओं के व्‍यय को बढ़ाना है। पे-टीवी यूज़र इंटरफेस और डेटा एनालिटिक्‍स में सुधार हो रहा है, लेकिन वैध और अवैध ओटीटी प्रतिस्‍पर्धियों से प्रभावी तरीके से मुकाबला करने के लिए इसकी रफ्‍तार अभी धीमी है। व्‍यवहार्य पे-टीवी ऑपरेटर्स विलय एवं अधिग्रहण और एकीकरण पर लक्ष्‍य करेंगे, क्‍योंकि मीडिया और दूरसंचार के व्‍यापक संदर्भ में पे-टीवी, ब्रॉडबैंड और ओटीटी की दुनिया आपस में एक-दूसरे से जुड़ रही हैं।”
 
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http://www.businesswire.com/news/home/20160714006472/en/ 
 
संपर्क :
मीडिया पार्टनर्स  एशिया
लविना भोजवानी
lavina@media-partners-asia.com

 
 

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