Saturday, July 16, 2016

BWI: भारत 2019 तक शिखर के छह बिजनेस ट्रैवेल मार्केट में से एक होने के लिए तैयार

 
Source : Global Business Travel Association (GBTA)
Saturday, July 16, 2016 11:44AM IST (6:14AM GMT)
 
भारत 2019 तक शिखर के छह बिजनेस ट्रैवेल मार्केट में से एक होने के लिए तैयार
बिजनेस ट्रैवेल भारत के सबसे तेजी से बढ़ने वाले क्षेत्रों में एक है, बिजनेस ट्रैवेल पर खर्च 2016 में 10.7% और 2017 में 10.2% बढ़ने का अनुमान है
 
New Delhi, Delhi, Mumbai, Maharashtra, India

दुनिया भर के बिजनेस ट्रैवेल उद्योग की आवाज, दि ग्लोबल बिजनेस ट्रैवेल एसोसिएशन (जीबीटीए) ने अपने नवीनतम जीबीटीए बीटीआई आउटलुक - इंडिया रिपोर्ट का एलान किया है। यह एक अर्धवार्षिक विश्लेषण है जो देश में और विदेश में आर्थिक मामलों के खुलने तथा भारत के बिजनेस ट्रैवेल मार्केट पर इसके प्रभाव से जुड़ा है। वीजा इंक द्वारा प्रायोजित यह रिपोर्ट बताती है कि भारत में बिजनेस ट्रैवेल के खर्चे लगातार दो अंकों में बढ़ रहे हैं और इस तरह, आज यह दुनिया भर में सबसे तेजी से बढ़ने वाला बिजनेस ट्रैवेल मार्केट बन गया है।
 
यह स्मार्ट समाचार विज्ञप्ति मल्टीमीडिया में है। पूरी विज्ञप्ति यहां देखें : http://www.businesswire.com/news/home/20160713005471/en/


भारत में इस क्षेत्र द्वारा अनुमानित 2016 के विकास का सकल आउटपुट (ग्राफिक : बिजनेसवायर)
 
जीबीटीए इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक गौरव सुंदरम ने कहा, “अगर यह मौजूदा मार्ग पर चलता रहा तो भारत आने वाले दशक में बिजनेस ट्रैवेल के क्षेत्र में दुनिया भर में अग्रणी बनने वाला है। भारत में बिजनेस ट्रैवेल के विकास की यह दर देश में अन्य अग्रणी उद्योगों के बराबर है और इससे पता चलता है कि बिजनेस ट्रैवेल आर्थिक विकास तथा रोजगार के मौके बढ़ाने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।”
 
जीबीटीए फाउंडेशन रिपोर्ट ने 2016 के दौरान बिजनेस ट्रैवल करने वालों के खर्च में 10.7 प्रतिशत वृद्धि की भविष्यवाणी की है। इसके बाद 2016 में इसमें 10.2 प्रतिशत की वृद्धि के बाद इसे $36.1 बिलियन हो जाने का अनुमान है। भारत दुनिया भर में 10 सबसे बड़े बिजनेस ट्रैवेल मार्केट में से एक बना हुआ है और 2000 से पांच पायदान ऊपर चढ़ चुका है। जीबीटीए को उम्मीद है कि भारत बाजार की रैंकिंग में ऊपर जाता रहेगा और अगले पांच वर्षों में चार स्पॉट ऊपर चला जाएगा तथा 2019 के अंत तक दुनिया का छठा सबसे बड़ा बिजनेस ट्रैवेल मार्केट बन जाएगा। सच तो यह है कि भारत इस साल ब्राजील से आगे निकल जाएगा ऐसी उम्मीद की जाती है और यह भी कि 2017 तक दक्षिण कोरिया और इटली से आगे निकल जाएगा। 
 
रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में बिजनेस ट्रैवेल शिखर के विकास क्षेत्रों में एक है और उसी रफ्तार से बढ़ रहा है जिससे उच्च तकनालाजी सेवाएं बढ़ रही हैं और यह भूमि तथा पाइपलाइन ट्रांसपोर्ट और भूसंपदा तथा कारोबारी गतिविधियों से कुछ ही पीछे है।
 
रिपोर्ट की अन्य खासियतों में निम्नलिखित शामिल है :
  • भारत के आर्थिक विकास को 2015 में गति मिली और वित्त वर्ष के लिए यह 7.3 प्रतिशत के औसत पर पहुंच गया। इसका मतलब यह हुआ कि सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ने दुनिया में सबसे तेज जीडीपी की विकास दर दर्ज की।
  • 2015 के दौरान विकास का मुख्य कारण निजी खपत और जन सरंचनाओं पर व्यय था। आर्थिक विकास की इस रफ्तार को अगले दो वर्षों तक जारी रखने के लिए ग्रामीण खपत और निजी निवेश की भागीदारी होनी चाहिए।
  • भारत की अपर्याप्त संरचना निरंतर विकास के मार्ग में भारी बाधा है। इसमें भारी सुधार किए जाने हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की संरचना विकास को जन नीतियों में सबसे महत्वपूर्ण बना दिया है। इस समय डब्ल्यूईसी की अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धिता रिपोर्ट भारत को 140 देशों में 74वां स्थान देती है। पर चूंकि भारत जनसंरचना में निवेश कर रहा है इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि यह रैंकिंग बेहतर होगी।
  • भविष्यवाणी के मद्देनजर जो क्षितिज बनी है उसके तहत भारत में संपूर्ण बिजनेस ट्रैवेल परफॉर्मेंस में देसी खर्चे महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि जीबीटीए को उम्मीद है कि 2016 और 2017 में देसी बिजनेस ट्रैवेल का विकास क्रम से 11.5 प्रतिशत और 10.3 प्रतिशत हो जाएगा। 
  • भारत से अंतरराष्ट्रीय आउटबाउंड ट्रैवेल (आईओबी) में विकास में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव हो सकता है क्योंकि जीबीटीए को अनुमान है कि आईओबी का व्यय 2016 में सिर्फ 3.1 प्रतिशत बढ़ेगा। इससे पहले दुनिया भर की बेहतर अर्थव्यवस्था और व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि से इसमें निखाने आने की संभावनाएं 2017 के दौरान आईओबी व्यय में 9 प्रतिशत की वृद्धि करने में सहायता करेंगी।
 
वीजा के ग्रुप कंट्री मैनेजर, इंडिया एंड साउथ एशिया टीआर रामचंद्रन ने कहा, “भारत में कारोबार करने में सहूलित के उपाय करने की सरकार की कोशिश और इसके साथ सकारात्मक आर्थिक भावनाएं तथा भूमंडलीकरण का नतीजा यह रहा है कि देश में बिजनेस ट्रैवेल के विकास में गति आई है। वीजा कमर्शियल कार्ड्स की श्रृंखला इसे कारोबारों औऱ कॉरपोरेट्स के लिए द्रुत, सुरक्षित, और सुविधाजनक बनाती हैं ताकि वे अपने खर्चों को व्यवस्थित कर सकें जिससे बिजनेस ट्रैवेलसे संबद्ध खर्चों में योगदान बढ़े।”
 
जीबीटीए बीटीआईआउटलुक  – इंडिया सभी जीटीबीए सदस्यों को चार्ज करने के लिए स्वतंत्र हैं और इसके लिए उन्हें यहां क्लिक (clicking here) करना है। जो सदस्य नहीं हैं वे जीबीटीए फाउंडेशन के जरिए रिपोर्ट खरीद सकते हैं और इसके लिए pyachnes@gbtafoundation.org. पर मेल करें।
 
जीबीटीए फाउंडेशन के बारे में
 
जीबीटीए फाउंडेशन, ग्लोबल बिजनेस ट्रैवेल एसोसिएशन (जीबीटीए) का शिक्षा और अनुसंधान फाउंडेशन है जो दुनिया भर में प्रमुख बिजनेस ट्रैवेल और मीटिंग्स ट्रेड ऑर्गनाइजेशन है। इसका मुख्यालय वाशिंगटन, डीसी क्षेत्र में है और परिचालन छहो महादेश में है। कुल मिलाकर जीबीटीए के 8,000 से ज्यादा सदस्य $345 बिलियन से ज्यादा के अंतरराष्ट्रीय बिजनेस ट्रैवेल और मीटिंग के खर्चों का प्रबंध हर साल करते हैं। जीबीटीए 28,000 से ज्यादा ट्रैवेल पेशेवरों और 125,000 सक्रिय संपर्कों को विश्व स्तर की शिक्षा, आयोजन, अनुसंधान, एडवोकेसी और मीडिया मुहैया कराता है। फाउंडेशन की स्थापना 1997 में जीबीटीए के सदस्यों और पूरे उद्योग की सहायता के लिए हुई थी। बिजनेस ट्रैवेल उद्योग में एक अग्रणी शिक्षा और अनुसंधान फाउंडेशन के रूप में जीबीटीए फाउंडेशन ऐसी पहल के लिए फंड चाहता है ताकि बिजनेस ट्रैवेल के पेशे को आगे बढ़ाया जा सके। जीबीटीए फाउंडेशन 501(सी)(3) के तहत मुनाफा न कमाने वाला संगठन है। अतिरिक्त जानकारी के लिए gbta.org and gbta.org/foundation.
 
स्रोत रूपांतर businesswire.com पर देखें : http://www.businesswire.com/news/home/20160713005471/en/
 
मल्टीमीडिया उपलब्ध है : http://www.businesswire.com/news/home/20160713005471/en/
 
संपर्क :
ग्लोबल बिजनेस ट्रैवेल एसोसिएशन (जीबीटीए)
कोलीन लेरो गलाघर, +1 703-236-1133
cgallagher@gbta.org
या
गौरव सुंदरम, +91-9873196115
GSundaram@gbta.org

 
 

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